Border Security Force detects a tunnel along International Border in Hiranagar sector of Kathua
- फोटो : अमर उजाला
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भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर के बोबिया इलाके में मिली सुरंग के सीमा पार शकरगढ़ के सुकमाल लांचिंग पैड के पास से बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है।
सांबा जिले के सीमावर्ती इलाके चलियाड़ी में 15 दिन पहले 27 दिसंबर को वाकी-टॉकी और दो दिन बाद 29 दिसंबर को चिलाडंगा, दडूई और सरना के जंगलों में सैटेलाइट फोन से सीमा पार बातचीत इंटरसेप्ट किए जाने से भी सुरंग मिलने की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। आशंका जताई जा रही है कि सीमा पार से सुरंग के सिलसिले में ही बात हो रही होगी।
बोबिया में जिस जगह सुरंग मिली है वहां से चलियाड़ी गांव की दूरी छह से सात किलोमीटर है, लेकिन इलाके में बार्डर के त्रिकोण आकार में होने के कारण दोनों ही गांव के सामने पाकिस्तान की शकरगढ़ इलाके का सुकमाल इलाका है।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों और लोगों की नजरों से बचने के लिए पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आका व आईएसआई की ओर से इलाके में सक्रिय स्लीपर मॉड्यूल का इस्तेमाल सुरंग खोदने में रेकी के लिए किया गया है।
इसके साथ ही बार्डर पर सुरक्षा बलों की सतर्कता के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराना भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार इलाके में सक्रिय स्लीपर मॉड्यूल की तलाश की जा रही है। इसमें सांबा के साथ ही जम्मू व कठुआ के बार्डर इलाके भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि ये इलाके की रेकी करने के साथ ही तस्करी के नेटवर्क में भी शामिल हैं।
बार्डर से घुसपैठ कर आने वाले आतंकियों के लिए गाइड का काम भी यही करते हैं। हालांकि, बीएसएफ के अधिकारियों का दावा है कि सुरंग निरोधी अभियान के तहत यह सफलता मिली है। पूरे मामले की जांच चल रही है। इस वजह से इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है।
रिगाल में मिली सुरंग से कर चुके हैं घुसपैठ
सांबा जिले के रिगाल में बनी सुरंग से घुसपैठ की पुष्टि सुरक्षा एजेंसियों ने नगरोटा हमले के बाद की थी। उनका दावा था कि मारे गए आतंकियों ने इसी सुरंग से घुसपैठ की थी और ट्रक से घाटी जाते समय नगरोटा टोल पोस्ट पर मुठभेड़ में मारे गए।
सार
- सांबा के सीमावर्ती चलियाड़ी व चिलाडंगा गांव में 15 दिन पहले सीमा पार बातचीत इंटरसेप्ट किए जाने से जोड़ी जा रही कड़ियां
- इलाके में सक्रिय स्लीपर मॉड्यूल से रेकी कराने का शक, सुरक्षा एजेंसियां छानबीन में जुटीं
विस्तार
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर के बोबिया इलाके में मिली सुरंग के सीमा पार शकरगढ़ के सुकमाल लांचिंग पैड के पास से बनाए जाने की आशंका जताई जा रही है।
सांबा जिले के सीमावर्ती इलाके चलियाड़ी में 15 दिन पहले 27 दिसंबर को वाकी-टॉकी और दो दिन बाद 29 दिसंबर को चिलाडंगा, दडूई और सरना के जंगलों में सैटेलाइट फोन से सीमा पार बातचीत इंटरसेप्ट किए जाने से भी सुरंग मिलने की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। आशंका जताई जा रही है कि सीमा पार से सुरंग के सिलसिले में ही बात हो रही होगी।
बोबिया में जिस जगह सुरंग मिली है वहां से चलियाड़ी गांव की दूरी छह से सात किलोमीटर है, लेकिन इलाके में बार्डर के त्रिकोण आकार में होने के कारण दोनों ही गांव के सामने पाकिस्तान की शकरगढ़ इलाके का सुकमाल इलाका है।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों और लोगों की नजरों से बचने के लिए पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आका व आईएसआई की ओर से इलाके में सक्रिय स्लीपर मॉड्यूल का इस्तेमाल सुरंग खोदने में रेकी के लिए किया गया है।
इसके साथ ही बार्डर पर सुरक्षा बलों की सतर्कता के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराना भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार इलाके में सक्रिय स्लीपर मॉड्यूल की तलाश की जा रही है। इसमें सांबा के साथ ही जम्मू व कठुआ के बार्डर इलाके भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि ये इलाके की रेकी करने के साथ ही तस्करी के नेटवर्क में भी शामिल हैं।
बार्डर से घुसपैठ कर आने वाले आतंकियों के लिए गाइड का काम भी यही करते हैं। हालांकि, बीएसएफ के अधिकारियों का दावा है कि सुरंग निरोधी अभियान के तहत यह सफलता मिली है। पूरे मामले की जांच चल रही है। इस वजह से इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है।
रिगाल में मिली सुरंग से कर चुके हैं घुसपैठ
सांबा जिले के रिगाल में बनी सुरंग से घुसपैठ की पुष्टि सुरक्षा एजेंसियों ने नगरोटा हमले के बाद की थी। उनका दावा था कि मारे गए आतंकियों ने इसी सुरंग से घुसपैठ की थी और ट्रक से घाटी जाते समय नगरोटा टोल पोस्ट पर मुठभेड़ में मारे गए।